हमारे देश में भक्ति एवं उपासना का एक रूप उपवास है, यह मनुष्य में श्रद्धा, सैयम, त्याग एवं प्रेम की भावना को बढ़ाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत उसी का एक स्वरुप है यह व्रत संतान की मंगल कामना के लिए किया जाता है। यह व्रत पूरे तीन दिन तक चलता है व्रत के पहले दिन को नहाय-खाय कहा जाता है इस दिन महिलाएं नहाने के बाद भोजन करती हैं। दूसरे दिन को खुर जितिया कहा जाता है यही व्रत का विशेष व मुख्य दिन है जो कि अष्टमी को पड़ता है इस दिन महिलाएं निर्जला रहती हैं। व्रत के तीसरे दिन व्रत का पारण करने के बाद भोजन ग्रहण किया जाता है। यह व्रत उत्तर भारत विशेषकर उत्तर प्रदेश और बिहार में प्रचलित है। पड़ोसी देश नेपाल में भी महिलाएं बढ़-चढ़ कर इस व्रत को करती हैं। एक मां के लिए यह व्रत बहुत महत्व रखता है। माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और उसकी रक्षा के लिए इस निर्जला व्रत को रखती हैं।
15
Sep
Leave a Reply