कायस्थ पुस्तिका 2019

कायस्थ भाई दूज के दिन श्री चित्रगुप्त जयंती मानते हैं इस दिन वे कलम, दवात एवं तलवार की पूजा करते हैं। यह वह दिन है जब भगवान श्री चित्रगुप्त और यमराज अपने कर्तव्यों से मुक्त हो, अपनी बहन देवी यमुना से मिलने गए, इसलिए इस दिन पूरी दुनिया भैया दूज मानती है और कायस्थ श्री चित्रगुप्त जयंती मानते हैं।… Read More…

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श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर सन्देश 2017-2018 Edition

रावण बहुत ही बलवान था। काल को उसने अपने पेटी से बांध रखा था। वह इतना जबरदस्त था कि उसने सब देवताओं को पकड़ लिया था। सोने की लंका बनाई। समुन्द्र पर काबू पाया। सुख सुविधाओं का अम्बार लगा हुआ था लेकिन रावण शांति नहीं प्राप्त… Read More…

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श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर सन्देश 2015 Edition

एक बार यूनान का एक बादशाह बीमार पड़ा। हकीमों ने काफी इलाज किया पर बादशाह ठीक नहीं हुए। सारे मंत्री एवं प्रजाजन भी परेशान हो गए। हकीमों ने कहा कि बादशाह अब नहीं बच सकते। तभी उस गाँव में एक फकीर आया। लोग उसे बादशाह के पास…. Read More…

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श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर सन्देश 2013 Edition

एक बार एक ऊंट वाला अपने सौ ऊंटों का काफिला लेकर कहीं जा रहा था। जगह-जगह पड़ाव सालता। रात को ठहरता। फिर सवेरा होते ही कारवाँ आगे बढ़ जाता। एक दिन ऊंटों का यह काफिला एक धर्मशाला के पास आकर ठहरा। अपनी आदत के अनुसार… Read More…

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श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर सन्देश 2012 Edition

स्वामी विवेकानन्द जी जब अमेरिका में वेदांत की शिक्षा देने लगे तो वहां किसी ने उनसे पूछा “क्या आपने भारतवर्ष में इस शिक्षा को पूरा कर लिया है” स्वामी विवेकानन्द थोड़ी देर मौन रहे, फिर उन्होंने कहा कि आप लोगों…

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श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर सन्देश 2011 Edition

एक बार पांच असमर्थ एवं अपंग इकट्ठे हुए। अंधा बोला “मेरी आँखें होतीं तो जो कुछ अन्याय-अत्याचार दिखाई देता है, तो उन्हें ठीक करता।” लँगड़ा बोला “मैं तो दौड़-दौड़कर लोगों की भलाई करता।” निर्बल बोला “मेरे पास शक्ति होती  Read More…

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श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर सन्देश 2010 Edition

सुख्यात बौद्धसंत नान-इन के पास सम्राट मेइजी ने राजकीय विश्वविद्यालय के कुलपति को आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित करने भेजा। कुलपति को अपने पद व किताबी शिक्षा का बड़ा अहंकार था और उनके व्यवहार से स्पष्ट था कि यदि…

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